विपरीत परिस्थितियों में भक्त की मनोवृति

By Satprem Das

Certificate Course

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Course Duration

24 Hours

Videos

2 Hours

No. Of Sessions

12

Sessions per week

3

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

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Starts on
-

calendar

7:00 PM - 9:00 PM  IST

Regular classes on

Tuesday, Thursday,  Saturday

About the Teacher

teacher

Satprem Das

श्रीमान सत प्रेम प्रभु जी ईसकोन भागवत महाविद्यालय, गोवेर्धन , मथुरा में भक्ति-शास्त्री और भक्ति वैभव के आध्यात्मिक शिक्षक व मोटिवेशनल लीडर व आध्यात्मिक काउंसलर है। आधात्मिक योग्यता- 1-भक्ति शास्त्री 2-भक्ति वैभव 3-भक्ति वेदांत (अध्यनरत) 4-अनुभव-पिछले 15 वर्षों से आधात्मिक सिध्दांतो के आधार पर सभी प्रकार के जन समुदाय और सभी आयु वर्ग के लोगो को विशेष रूप से युवाओं व बालको का समुचित मार्गदर्शन व अपना अनुभव वितरण कर रहे है । वे भैतिक और आधात्मिक जीवन में संतुलन बनाते हुए दुसरो को जीवन मे उत्कृष्टता और प्रसन्नता प्राप्त कराने में सहायता कर रहे है । विशेषता-चूंकि इन्होंने भरी जवानी में 90 वर्ष के वृद्ध व्यक्ति का कष्ट उठाया है अतः वे व्रद्ध वैष्णवो की सेवा करने की तरफ इनका बहुत रुझान है । इनकी तीव्र उत्कंठा है कि वे कृष्णभावनाभावित वृद्धा आश्रम खोल कर वरिष्ठ नागरिकों की सेवा करना चाहते है । शैक्षणिक योगयता- 1-कला स्नातक (भोपाल, म.प.) 2-होटल मैनेजमेंट में स्नातक (दिल्ली) 3-अनुभव-अनेक वर्षों तक मुम्बई के 5 स्टार होटलों में अनेक वर्षों तक सेवाएं दी है । उनके निजी जीवन में आश्चर्यजनक घटनाओं की श्रृंखलाओ के बाद आध्यात्मिकता के प्रति उनका झुकाव हो गया था वे कृष्णभावना में आने का सारा श्रेय कृष्ण को नकारात्मक स्थितियों की श्रृंखला बनाने के लिए और जिन भक्तो ने उनका सहयोग किया उनको देते है विशेष रूप से उनकी कृष्ण भक्त माता जी को। विशेष आकर्षण- कृष्ण-भक्ति में आने से पहले उनका जीवन बहुत आनंद से कट रहा था लेकिन कृष्ण-भक्ति में आने के बाद उन्होंने कृष्ण-भक्ति का अभ्यास करने के लिए महान द्रढ़ता के साथ संघर्ष किया। जैसा कि उन्हें एक लाइलाज गंभीर बीमारी परिकन्सन ने हमला किया था जो कि लकवा के समान थी वे एकदम निसहाय अवस्था मे लगातार 15 वर्षों तक क्वारंटाइन (संगरोध) रहे लेकिन वह कृष्ण-भक्ति नहीं छोड़ने के लिए दृढ़ थे। और अब इस्कोन भागवत महाविद्यालय , गोवेर्धन में श्रीमद्भागवत गहन अध्ययन करने के कारण उन पर भागवत जी की कृपा हुई और एक सफल योद्धा की तरह उन्होंने इन बीमारी को हरा दिया और इस स्वस्थ है। उनका जीवन श्रीमद्भागवत के अध्ययन और भगवान के पवित्र नाम के चमत्कार का ज्वलंत उदाहरण है।

Course Overview

पाठ्यक्रम विवरण:

इस्कॉन द्वारा प्रस्तुत पाठ्यक्रम "विपरीत परिदृश्य में एक भक्त की मनोवृत्ति" प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने पर एक भक्त की मानसिकता और मनोविज्ञान को समझने में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करने के लिए गौड़ीय वैष्णववाद की गहन शिक्षाओं पर प्रकाश डालता है। भक्ति योग के कालातीत ज्ञान और भगवान कृष्ण की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए, यह पाठ्यक्रम किसी की भक्ति को गहरा करते हुए चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्दृष्टि और उपकरण प्रदान करता है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

1. विपरीत परिस्थितियों का परिचय
2. भक्ति और मानसिक स्वास्थ्य
3. आत्म-समर्पण और विश्वास
4. सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण
5. धैर्य और सहिष्णुता
6. श्रीमद भागवत और भगवद गीता का आध्यात्मिक आदर्श
7. उत्तम भक्ति मार्ग का अनुसरण
8. आचार्यों के उपदेश का आदरणीय आध्यात्मिक मार्गदर्शन

लक्षित श्रोतागण:

कोई भी

छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

सुनने और ध्यान लगाने का प्रयास करें।

इस पाठ्यक्रम से छात्रों को क्या लाभ होगा?

1. कठिन परिस्थितियों से सामना करने की शक्ति
2. कैसे वरिष्ठ और गुरु जनों का आदर-समम्मान करें
3. कैसे जीवन के कष्टों से मुक्त हो
4. कैसे पापमय जीवन से मुक्त हो। 

इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लेना चाहिए?

1. जीवन की समस्याओं से ऊपर उठकर आनंद से जीने के लिए 
2. मानसिक सशक्ति का विकास
3. आत्म-समर्पण और विश्वास की महत्वपूर्णता
4. भक्ति मार्ग में सहयोग
5. समुदाय और गुरु के संग

हम पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

1. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
2. आत्म-समर्पण और संयम की कमी
3. आध्यात्मिक विकास की आवश्यकता
4. सामाजिक समस्याएं और सहिष्णुता

Frequently Asked Questions

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