प्रमाणित गुरु से प्राप्त ज्ञान क्यों महत्वपूर्ण है?
By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya
Certificate Course
Course Duration
2Hours
2Hours
Videos
1
1
No. Of Sessions
1
1
Sessions per week
At your own pace
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Language
Hindi
Eligibility
Anyone
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Schedule of Classes
Starts on
-
Always open
At your own pace
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About the Teacher
ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya
About the Teacher
ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.
To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.
Course Overview
पाठ्यक्रम शीर्षक:
श्लोक 13 : प्रमाणित गुरु से प्राप्त ज्ञान क्यों महत्वपूर्ण है?
पाठ्यक्रम विवरण:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य Ishopanishad के श्लोक 13 के माध्यम से प्रमाणित गुरु से प्राप्त ज्ञान के महत्व को समझाना है। यह कोर्स आध्यात्मिक जीवन की बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करेगा और शुद्ध भक्ति की महत्ता को उजागर करेगा।
पाठ्यक्रम सामग्री:
- भक्ति कलेश से राहत: भक्ति के माध्यम से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति।
- कृष्णभावनामृत सर्वमंगलकारी है: कृष्णभावनामृत की महत्ता और इसके सार्वभौमिक लाभ।
- कृष्णभावनामृत में सुख: कृष्णभावनामृत के अभ्यास से प्राप्त होने वाले आंतरिक सुख की अनुभूति।
- शुद्ध भक्ति दुर्लभ है: शुद्ध भक्ति की प्राप्ति क्यों कठिन है और इसके महत्व को समझना।
- ब्रह्मा से एकाकार होने का सुख: ब्रह्मा से एकाकार होने की प्रक्रिया और इसके परिणाम।
- कृष्ण का आकर्षित करना: भगवान कृष्ण को आकर्षित करने के उपाय और उनके महत्व।
लक्ष्य श्रोता:
- आध्यात्मिक साधक
- वेदांत और उपनिषद में रुचि रखने वाले लोग
- भक्ति मार्ग में अग्रसर व्यक्ति
- योग और ध्यान के अभ्यासकर्ता
- छात्र और शिक्षक जो भारतीय दर्शन में रुचि रखते हैं
पाठ्यक्रम की आवश्यकता:
- आज के युग में मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्राप्त करना एक चुनौती है।
- सही मार्गदर्शन के अभाव में आध्यात्मिक पथ पर भ्रमित होने की संभावना रहती है।
- प्रमाणित गुरु से ज्ञान प्राप्त करने का महत्व और इसकी प्रासंगिकता समझाना आवश्यक है।
कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?
- प्रमाणित गुरु से ज्ञान प्राप्त करने का महत्व और लाभ।
- भक्ति और ध्यान के माध्यम से आंतरिक शांति और संतुलन कैसे प्राप्त करें।
- शुद्ध भक्ति और कृष्णभावनामृत के गहन अर्थ और महत्व को समझना।
- ब्रह्मा से एकाकार होने की प्रक्रिया और इससे जुड़ी अनुभूतियों को जानना।
क्यों करना चाहिए यह कोर्स?
- आध्यात्मिक विकास और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए।
- प्रमाणित गुरु के महत्व को समझने और उनके मार्गदर्शन में सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए।
- भक्ति और ध्यान के माध्यम से जीवन के कष्टों से राहत पाने के लिए।
हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
- मानसिक अशांति और तनाव का समाधान।
- आध्यात्मिक पथ पर सही दिशा और मार्गदर्शन की प्राप्ति।
- भक्ति के महत्व को समझकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना।
- कृष्णभावनामृत और ब्रह्मा से एकाकार होने की प्रक्रिया को समझकर आध्यात्मिक संतोष प्राप्त करना।