श्री बृहद् भागवतामृत (श्रील सनातन गोस्वामी कृत)
By Sri Chaitanya Chandra Das
Certificate Course
Course Duration
50 Hours
50 Hours
Videos
1 Hour/ Session
1 Hour/ Session
No. Of Sessions
50
50
Sessions per week
1
1
Language
Hindi
Eligibility
Anyone
Anyone
Schedule of Classes
Starts on
-
7:30 PM - 8:30 PM IST
Regular classes onWednesday
About the Teacher
Sri Chaitanya Chandra Das
About the Teacher
श्री चैतन्य चन्द्र प्रभुजी (शिरीष मुळे)
श्री चैतन्य चन्द्र प्रभुजी ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई BE (Electronics and Communication) में 2005 में MIT कॉलेज, पुणे से पूर्ण की। इसके पश्चात उन्होंने Atos और TCS जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों में दो वर्षों तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2007 में प्रभुजी ने श्रील प्रभुपाद की दिव्य मिशन ISKCON में पूर्णकालिक रूप से प्रवेश किया। तीन वर्षों तक उन्होंने मंदिर प्रबंधक के रूप में सेवा की। इसके पश्चात उन्होंने युवाओं में कृष्णभावनामृत का प्रचार कार्य आरंभ किया और SRM चेन्नई, NIT वारंगल, RV बैंगलोर जैसे अनेक प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रभावी रूप से प्रचार किया।
प्रभुजी ने भारतीय तथा अंतरराष्ट्रीय BTG (Back to Godhead) पत्रिकाओं में कई प्रेरणादायक लेखों का लेखन किया है। उन्होंने “भक्तमाला” नामक एक सुंदर काव्य संग्रह की रचना की है, जिसमें गौड़ीय आचार्यों पर आधारित हृदयस्पर्शी कविताएं संकलित हैं।
वे राधानाथ स्वामी महाराज की वार्षिक यात्राओं में “धाम सेवक” के रूप में सेवा करते हैं, जहाँ वे लगभग 1200 भक्तों का नेतृत्व करते हैं। इसके अतिरिक्त वे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, फिजी, गल्फ देशों आदि से आने वाले भक्तों के लिए वार्षिक धाम यात्राओं का आयोजन भी करते हैं।
श्री चैतन्य चन्द्र प्रभुजी ISKCON भागवत महाविद्यालय (IBMV), वृन्दावन एवं BVRV पुणे में भक्तिशास्त्री, भक्तिवैभव तथा भक्तिवेदांत पाठ्यक्रमों के समर्पित शिक्षक हैं। उनका शिक्षण शैली सरल, गूढ़ तत्त्वों से युक्त एवं अत्यंत प्रभावशाली है।
उनका एक YouTube चैनल – “Sri Chaitanya Chandra Das” के नाम से है, जिसके माध्यम से वे युवाओं और गृहस्थ समुदाय को प्रेरणादायी एवं ज्ञानवर्धक वीडियो द्वारा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
वर्तमान में प्रभुजी पुणे के बावधान क्षेत्र में युवाओं तथा भक्तों के बीच सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं, साथ ही ISKCON NVCC पुणे में श्री बालाजी के पुजारी के रूप में सेवा भी कर रहे हैं।
प्रभुजी समय-समय पर चंडीगढ़, संभाजी नगर, कोलकाता, अहिल्या नगर जैसे विभिन्न स्थानों में जाकर श्रीकृष्णभावनामृत का प्रचार करते हैं। उनका जीवन भक्ति, सेवा एवं शास्त्र-ज्ञान का सुंदर संगम है।
Course Overview
कोर्स विवरण :
यह पाठ्यक्रम श्रील सनातन गोस्वामी द्वारा रचित श्री बृहद् भागवतामृत का विस्तारपूर्वक अध्ययन कराता है, जो श्रील प्रभुपाद द्वारा प्रमाणित गौड़ीय वैष्णव परंपरा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें भक्तों की श्रेणियाँ, उनके लक्षण, और भगवान तक पहुँचने की आध्यात्मिक यात्रा का अत्यंत मार्मिक वर्णन है। यह ग्रंथ भक्ति के रहस्यों को सरल और गूढ़ रूप में प्रकट करता है।
आप क्या सीखेंगे :
- श्री बृहद् भागवतामृत की रचना की पृष्ठभूमि और महत्व
- नारद मुनि द्वारा श्रेष्ठ भक्त की खोज
- गोपकुमार की आत्मिक यात्रा और परम गंतव्य
- भक्तों की श्रेणियाँ और उनके आध्यात्मिक लक्षण
- भगवद-प्रेम की पराकाष्ठा का अनुभव
- श्रील प्रभुपाद की शिक्षाओं के आलोक में ग्रंथ का तात्त्विक विश्लेषण
लक्षित दर्शक :
- भक्ति के विज्ञान में गहरी रुचि रखने वाले साधक
- श्रील प्रभुपाद के अनुयायी और शास्त्र प्रेमी
- वैष्णव साहित्य को शुद्ध भाव से पढ़ने और समझने के इच्छुक भक्त
पूर्व आवश्यकताएँ :
- श्रील प्रभुपाद की पुस्तकों में श्रद्धा
- वैष्णव सिद्धांतों की मूल समझ (ऐच्छिक)
- नियमित शास्त्र अध्ययन की इच्छा
कोर्स से लाभ :
- भक्तों की महिमा और श्रेणियों की गहराई से समझ
- भगवान तक पहुँचने की शास्त्रीय प्रक्रिया का ज्ञान
- आत्मा की आध्यात्मिक यात्रा की स्पष्ट दिशा
- भक्ति में दृढ़ता, स्पष्टता और प्रेरणा
- "Back to Godhead" की यात्रा को सही परिप्रेक्ष्य में समझना
यह कोर्स क्यों करें ?
- श्रील सनातन गोस्वामी के अद्भुत तात्त्विक योगदान का लाभ लेने हेतु
- श्री बृहद् भागवतामृत के माध्यम से भक्तियोग को अनुभव करने हेतु
- अपने आध्यात्मिक जीवन को शुद्ध, स्थिर और प्रगाढ़ बनाने हेतु