श्रीमद्भागवत कथा (स्कंद 3)

Certificate Course

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Course Duration

48 Hours

Videos

2 Hour/ Session

No. Of Sessions

32

Sessions per week

5

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

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Starts on
-

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7:00 PM - 8:00 PM IST

Regular classes on

Mon, Wed, Thu, Fri, Sat

About the Teacher

teacher

Nilambar Dasa

नीलांबर दास परम पूज्य श्री राधा गोविंद गोस्वामी महाराज के द्वारा दीक्षित है।

उनका जन्म काशी में 31 मई 1988 को हुआ था।

बालपन से ही भगवान शिव में काफी आसक्त थे।

उसके बाद मुंबई में रहने लगे।

बालपन से मुंबई में ही उनकी शिक्षा हुई और शिक्षा के उपरांत फिर यही जॉब करने लगे।

जॉब करते समय 2009 में इस्कॉन मंदिर से जुड़े।

उसके बाद 2011 तक ब्रह्मचारी थे और 2013 में विवाह किया। 2014 में दीक्षा और ब्राह्मण दीक्षा हुआ।

तब उनके गुरु महाराज ने कहा कि "तुम ब्राह्मण हो ब्राह्मण का कार्य करो। इस काल में इसकी आवश्यकता है"। उसके बाद ट्रेनिंग ली पुणे महाराष्ट्र के कई सारे स्थानों पर।

उसके अलावा केरला, मायापुर ऐसे कई स्थानों पर ट्रेनिंग लेने के बाद मुंबई में 16 संस्कारों की विधी और उनके बारे में सभी को प्रेरणा देते हुए यह कार्य संपन्न करते जा रहे है।

आज लगभग 500 से अधिक दंपति उनसे जुड़े हुए हैं और लगभग 1000 से ज्यादा उनहोने विवाह कराए हैं और कई 8 वर्षों से वह संस्कार पुरोहित कार्य कर रहे है।

Course Overview

कोर्स का शीर्षक

श्रीमद्भागवत कथा 3 स्कंद

कोर्स विवरण

यह कोर्स श्रीमद्भागवत के तृतीय स्कंद के अध्ययन पर केंद्रित है। इसमें स्कंद के विभिन्न अध्यायों और उनके महत्व पर गहराई से चर्चा की जाएगी। श्रील प्रभुपाद द्वारा रचित इस पुस्तक के माध्यम से हम भक्तिमार्ग, योग, और वेदांत दर्शन की विभिन्न शिक्षाओं को समझेंगे।

कोर्स सामग्री

  • श्रीमद्भागवत कथा (तृतीय स्कंद) का अध्ययन
  • श्रील प्रभुपाद की व्याख्या और टिप्पणियाँ
  • स्कंद के प्रमुख पात्रों और घटनाओं का विश्लेषण
  • भक्तिमार्ग और योग की शिक्षाओं का अध्ययन
  • वेदांत दर्शन के महत्वपूर्ण पहलुओं का विवेचन

लक्षित दर्शक

  • भक्तिमार्ग का पालन करने वाले विद्यार्थी
  • वेदांत और योग में रुचि रखने वाले लोग
  • श्रीमद्भागवत का गहन अध्ययन करने के इच्छुक व्यक्ति
  • अध्यात्मिक साधक और योगी

कोर्स की आवश्यकताएँ

  • श्रीमद्भागवत कथा (तृतीय स्कंद) की प्रति
  • आध्यात्मिक साहित्य पढ़ने और समझने की इच्छा
  • नियमित रूप से अध्ययन करने का संकल्प

छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश

  • प्रतिदिन निर्धारित समय पर अध्ययन करें
  • श्रील प्रभुपाद की व्याख्याओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें
  • कोर्स के दौरान अपने प्रश्नों को नोट करें और शिक्षक से समाधान प्राप्त करें
  • पाठ्य सामग्री के साथ-साथ ध्यान और साधना का अभ्यास करें

छात्र इस कोर्स से क्या प्राप्त करेंगे?

  • श्रीमद्भागवत के तृतीय स्कंद की गहरी समझ
  • भक्तिमार्ग और योग की शिक्षाओं का व्यावहारिक ज्ञान
  • वेदांत दर्शन के प्रमुख सिद्धांतों का ज्ञान
  • अध्यात्मिक साधना में उन्नति

इस कोर्स में भाग क्यों लेना चाहिए?

  • श्रील प्रभुपाद की व्याख्याओं के माध्यम से गहन ज्ञान प्राप्त करना
  • अध्यात्मिक विकास और मानसिक शांति की प्राप्ति
  • भक्तिमार्ग और योग की शिक्षाओं को जीवन में लागू करने की समझ
  • वेदांत दर्शन की महत्वपूर्ण शिक्षाओं का अध्ययन

हम पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • अध्यात्मिक ज्ञान की खोज
  • मानसिक और भावनात्मक संतुलन की आवश्यकता
  • भक्तिमार्ग और योग के प्रति गहरी रुचि और समझ की आवश्यकता
  • वेदांत दर्शन की जटिलताओं को समझने में आने वाली कठिनाइयाँ

Frequently Asked Questions

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