वैदिक ब्रह्माण्ड-विज्ञान (Vedic Cosmology)

By Dhir Prashant Das

Certificate Course

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Course Duration
24 घंटे

Videos
2 घंटे/सत्र

No. Of Sessions
12

Sessions per week
1

Language
Hindi

Eligibility
कोई भी

Schedule of Classes

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Starts on
-

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शाम 7-9 बजे Regular classes on शुक्रवार

About the Teacher

teacher

Dhir Prashant Das

धीर प्रशांत दास,  उनकी दिव्य कृपा श्रील राधानाथ स्वामी महाराज के शिष्य हैं। उन्होंने 1999 में इस्कॉन से जुड़कर भक्ति मार्ग अपनाया। वर्तमान में वे इस्कॉन पुणे, भारत में एक पूर्णकालिक संन्यासी के रूप में सेवा कर रहे हैं।

वे पुणे केंद्र में भक्तिशास्त्री और भक्तिवैभव पाठ्यक्रमों के लिए नियमित रूप से भक्तिशास्त्र पढ़ाते हैं। वे भगवद गीता, ईशोपनिषद और गौड़ीय परंपरा के अन्य ग्रंथों का अध्ययन और शिक्षण करते हैं, विशेष रूप से विद्यार्थियों और कॉर्पोरेट युवाओं के बीच। वे शास्त्रों की गहरी और तार्किक व्याख्या के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

Course Overview

पाठ्यक्रम का परिचय:

यह कोर्स श्रीमद्भागवतम के पाँचवें स्कंध में वर्णित ब्रह्मांड की संरचना का गहराई से अध्ययन कराएगा। इसमें हम जानेंगे कि कैसे पर्वत, नदियाँ, सागर, द्वीप एवं 14 लोक (प्लैनेट्स) वेदों में वर्णित हैं। यह अध्ययन एनिमेटेड प्रेजेंटेशन की सहायता से रोचक और दृश्यात्मक रूप में कराया जाएगा।

पाठ्यक्रम की विषयवस्तु:

  • श्रीमद्भागवतम स्कंध 5, अध्याय 16 से 23 का अध्ययन
  • जम्बूद्वीप एवं अन्य द्वीपों की स्थिति
  • पवित्र नदियों, झीलों, पर्वतों की लोकेशन
  • 14 लोकों (प्लैनेटरी सिस्टम) की संकल्पना
  • सूर्य, चन्द्रमा, और ग्रहों की गति
  • मेरु पर्वत एवं अनंत शेष की भूमिका
  • वैदिक समय व अंतरिक्ष की समझ
  • संस्कृत के 28 प्रसिद्ध छन्दों में श्लोकों का प्रदर्शन एवं अभ्यास

किनके लिए है यह पाठ्यक्रम:

कोई भी आयुवर्ग

मूल्यांकन की प्रक्रिया:

प्रत्येक सत्र के बाद संवादात्मक प्रश्नोत्तर

विद्यार्थियों के लिए आवश्यक योग्यता:

  • कक्षा में नियमित रूप से भाग लें
  • प्रश्न पूछने में झिझक न करें
  • श्रीमद्भागवतम और शिक्षकों के प्रति श्रद्धा भाव बनाए रखें
  • आवश्यकतानुसार नोट्स बनाएं

पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को क्या लाभ होगा:

  • वैदिक ग्रंथों में वर्णित पर्वतों, नदियों, लोकों की स्पष्ट समझ
  • श्रीमद्भागवतम के पाँचवें स्कंध की गहरी पकड़
  • ब्रह्मांड रचना की वैदिक दृष्टिकोण से वैज्ञानिक समझ
  • दृश्यमान प्रेजेंटेशन के माध्यम से यादगार अनुभव
  • श्लोकों को सरलता से कंठस्थ करने की क्षमता विकसित होगी
  • संस्कृत शास्त्रों के प्रति प्रेम और आदर भाव बढ़ेगा

यह पाठ्यक्रम किन समस्याओं का समाधान करता है?

  • पाँचवें स्कंध की जटिलताओं को समझने में कठिनाई
  • दृश्यमान समझ की कमी (Visualization)
  • आधुनिक शिक्षा में शास्त्रों को अनदेखा किया जाना
  • भक्तों के भीतर वैदिक विज्ञान की समझ की आवश्यकता

Frequently Asked Questions