Course Duration
10 घंटे
Videos
2 घंटे प्रति सत्र
No. Of Sessions
5
Sessions per week
5
Language
Hindi
Eligibility
पहली या दूसरी दीक्षा के लिए
Schedule of Classes
Starts on
-
About the Teacher
Yashodakirti Devi Dasi
About the Teacher
डॉ. यशोदाकीर्ति देवी दासी (डॉ. नेहा वाघ) हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में कविता, लेख, शोधपत्र और अन्य साहित्यिक सृजन में सक्रिय हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर ने उन्हें हिंदी साहित्य में शोध के लिए Ph.D. की डिग्री प्रदान की है।
उन्होंने कई साहित्यिक रचनाओं का सूत्रसंचालन और लेखन किया है।
वह 2009 से इस्कॉन की सदस्य हैं।
उनसे कई सवालों के जवाब प्राप्त करके, मंदिर में ऐसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे उन्हें श्रील प्रभुपाद की ग्रंथ, उपदेश, सेवाभाव, उद्देश्य आदि से प्रेरणा मिली और उनके जीवन में एक नया मोड़ आया।
वर्तमान में, वह 'न्यू वैदिक कल्चरल सेंटर इस्कॉन पुणे' और 'इस्कॉन भागवत महाविद्यालय गोवर्धन' के लिए सेवा कर रही हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।
Course Overview
पाठ्यक्रम का विवरण:
- गुरु-तत्त्व तथा गुरु-पादाश्रय के महत्व को समझाने हेतु "इस्कॉन शिष्यत्त्व" नामक एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की रचना की गई है।
- यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुसेवा मंडल के निर्देशन में विकसित किया गया है। इस्कॉन के अग्रगण्य प्रशिक्षकों ने इस पाठ्यक्रम को तैयार करने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।
- यह पाठ्यक्रम श्रील प्रभुपाद की शिक्षाओं और इस्कॉन की संप्रदायिक नियमावली पर आधारित है, जिसका मूल सन्दर्भ गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय की शिक्षाएँ हैं।
- यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से उन नवपरिचित भक्तों के लिए बनाया गया है जो इस्कॉन में दीक्षा लेने की इच्छा रखते हैं। तथापि, इस्कॉन के अग्रगण्य प्रचारकों, सलाहकारों एवं प्रशिक्षकों के लिए भी इसे अनुशंसित किया गया है।
पाठ्यक्रम की सामग्री:
यह 5 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा जिसमें निम्नलिखित शामिल है:
- इस्कॉन शिष्यत्त्व पाठ्यक्रम हस्तपुस्तिका का प्रस्तुतिकरण
- मूल्यांकन परीक्षा
पाठ्यक्रम की पुस्तक:
इस्कॉन शिष्यत्त्व पाठ्यक्रम हस्तपुस्तिका
लक्ष्य समूह (Target Audience):
प्रथम या द्वितीय दीक्षा के इच्छुक भक्त
मूल्यांकन प्रक्रिया:
ऑनलाइन परीक्षा
पाठ्यक्रम की पात्रता:
गुरु सेवा समिति के दिशानिर्देशों के अनुसार, इस पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए छात्रों को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- प्रतिदिन कम से कम 16 माला हरि नाम महामंत्र का जाप करना
- चार नियामक सिद्धांतों का पालन करना
परीक्षा के दौरान पालन किए जाने वाले नियम:
पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले, सभी छात्रों को निम्नलिखित ऑनलाइन परीक्षा नियमों से सहमत होना आवश्यक है:
- परीक्षा ऑनलाइन (Cloud Meetings) के माध्यम से आयोजित की जाएगी।
- सभी उत्तर हस्तलिखित (Handwritten) होने चाहिए। किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग उत्तर लिखने में वर्जित है।
परीक्षार्थी को दो डिवाइस उपयोग में लाने होंगे:
- पहला डिवाइस परीक्षार्थी को उत्तर लिखते समय रिकॉर्ड करेगा (उसका हाथ, उत्तरपुस्तिका और सामने का स्क्रीन दिखाई दे)।
- दूसरा (सामने वाला) डिवाइस प्रश्न पत्र देखने के लिए प्रयोग होगा।
- परीक्षा समाप्त होते ही, परीक्षार्थी को अपने उत्तर पत्रक को कैमरे के सामने स्कैन करना होगा तथा निश्चित समय के भीतर अपलोड करना होगा।