मनः शिक्षा (अपने मन को कैसे प्रशिक्षित करें)

मन को नियंत्रित कर शुद्ध भक्ति में स्थिर होने की कला, श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी के 12 श्लोकों के माध्यम से।

By Ramanuja Dasa

Certificate Course

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Course Duration

26 Hours Approx.

Videos

1 Hour 45 Minutes

No. Of Sessions

15

Sessions per week

5

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

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7 PM - 8:45 PM IST

Regular classes on

Monday - Friday

About the Teacher

teacher

Ramanuja Dasa

रामानुज दास वर्ष1997 में इस्कॉन के संपर्क में आए और वर्ष 2002 में श्री श्रीमद् राधा गोविंद गोस्वामी महाराज से आध्यात्मिक दीक्षा प्राप्त की। इन्होंने श्री श्रीमद् गौरकृष्ण गोस्वामी महाराज और श्री श्री वृंदावन चंद्र गोस्वामी महाराज के आश्रय में कुछ समय श्रीमद् भागवत का अध्ययन भी किया। वर्तमान में अपने वृद्ध माता-पिता के साथ बरसाना में रहते हैं और श्रीमद्भागवत के अध्ययन में यथासंभव रत रहते हुए ऑनलाइन प्रचार करते रहते हैं।

Course Overview

पाठ्यक्रम विवरण:

"मनः शिक्षा" — श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी द्वारा रचित यह ग्रंथ हमें सिखाता है कि मन को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। यद्यपि वे स्वयं पूरी तरह दिव्य स्तर पर स्थित हैं और भौतिक मन एवं गुणों से परे हैं, फिर भी उन्होंने बद्धजीवों के कल्याण हेतु 12 अमूल्य श्लोकों में मन को उपदेश दिए हैं। यह पाठ्यक्रम उन्हीं शिक्षाओं का गहन अध्ययन कराता है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  • श्री मनः शिक्षा के 12 श्लोकों का अध्ययन
  • प्रत्येक श्लोक का सार, भावार्थ एवं व्यावहारिक अनुप्रयोग
  • भक्ति में मन की भूमिका का विश्लेषण
  • मन के दोषों और उनसे मुक्ति के उपाय

लक्षित श्रोतागण:

  • सभी आयुवर्ग के विद्यार्थी
  • विशेष रूप से वे जो भक्ति मार्ग पर चल रहे हैं और मन की चंचलता से जूझ रहे हैं

आकलन पद्धति:

  • श्लोक आधारित प्रश्नोत्तरी
  • आत्म-विश्लेषण अभ्यास
  • विचार-साझा सत्र (Reflection sessions)

पाठ्यक्रम की आवश्यकताएँ:

  • श्रीमनःशिक्षा ग्रंथ की प्रति (भाष्य सहित अनुशंसित)
  • नियमित अभ्यास और चिंतन के लिए समय
  • खुले मन और सीखने की भावना

महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

  • पाठ्यक्रम में नियमित भागीदारी अपेक्षित है
  • व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करना प्रोत्साहित किया जाएगा
  • गोपनीयता और आदर का वातावरण बनाए रखें

इस पाठ्यक्रम से छात्रों को क्या लाभ होगा?

  • चंचल मन को नियंत्रित करना सीखेंगे
  • दृढ़ भक्ति सेवा की ओर उन्मुख होंगे
  • आत्मविश्लेषण की आदत विकसित करेंगे
  • अपने मन और व्यवहार का भक्ति-दृष्टि से मूल्यांकन करना
  • शुद्ध भक्ति के मापदंडों को समझना

इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लें?

  • अशांत और चंचल मन से शांति की ओर यात्रा के लिए
  • गहराई से आत्मनिरीक्षण करने और आध्यात्मिक जीवन को सशक्त बनाने के लिए
  • श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी जैसे आचार्य की दिव्य शिक्षाओं से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए

 हम किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • अशांत और अनियंत्रित मन से संघर्ष
  • भक्ति में स्थिरता की कमी
  • आत्म-संदेह, मानसिक भ्रम और संकल्प की दुर्बलता
  • सतत भक्ति अभ्यास में विघ्न डालने वाले आंतरिक अवरोध

Frequently Asked Questions